ज़िंदगी शायरी ,Zindagi shayari | जिंदगी पर दिल को छूने वाली शायरी
कहना और पूछना तो बहुत है तुमसे ए ज़िंदगी, बस बयां करने का तरीका और अलफ़ाज़ ढूंढ रहा हूँ
चीज़े खुद-ब-खुद समझ आ जाती है ,जब वो बदलने लग जाती है
ये मत पूछना जिंदगी ख़ुशी कब देती है ?
क्योंकि शिकायते तो उन्हें भी हैं जिन्हे जिंदगी
सब कुछ देती है।
जब नादान थे तो जिंदगी के मजे लेते थे,
समझदार हुये तो जिंदगी मजे ले रही है !
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं
ज़िंदगी शायरी
जिंदगी में हिस्सा बनने की चाह थी,
मगर किस्मत ने किस्सा बनाकर छोड़ दिया।
खुशियां हमारे पास कहां ठहरी ए जिंदगी
बाहर कभी हंसे भी तो घर पर आकर रो पड़े..!!
जूझती रही, बिखरती रही, टूटती रही,
कुछ इस तरह ज़िन्दगी निखरती रही।
जितना चाहे रुला ले मुझकों तू ऐ जिंदगी ,
हँसकर गुजार दूँगा तुझको ये मेरी भी जिद है।
हर ख्वाब और हर ख्वाहिशें पूरी नहीं होती, हर किसी के ज़िंदगी में आप जरुरी नहीं होते
उम्मीद मत छोड़ना ए जिंदगी,
कल का दिन आज से बेहतर होगा !
Zindagi Dard Bhari Shayari
वो मुझसे बिछड़ा तो बिछड़ गई जिंदगी,
मैं ज़िंदा तो रहा मगर ज़िंदों में न रहा।
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी ज़िन्दगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।
जिंदगी इतना भी मत सीखा,
अब थोड़ा साथ भी दे दे !!
कटती है आरज़ू के सहारे पे ज़िंदगी
कैसे कहूँ किसी की तमन्ना न चाहिए
जिसने भी मेरी किस्मत लिखी है अधूरी लिखी है, आजकल उसी को पूरा करने में लगा हुआ हूँ
जिंदगी में कुछ हसीन पल यूंही गुजर जाते हैं,
रह जाती हैं यादें और इंसान बिछड़ जाते हैं।
जो लोग खुद को पढ़ते है फिर छोड़ देते है
वो जिंदगी में एक नया पन्ना जोड़ देते है.!!
जिंदगी जीने के लिए मिली थी।
लोगो ने सोचने में ही गुजार दी।